ॐ नमः शिवाय भगवन शिव की पूजा में बिल्वपत्र चढाने का विधान है परंतु बिल्वपत्र को ऐसे ही शिवजी के सामने रख देना ही पर्याप्त नहीं है बिल्वपत्रों को चढ़ते समय बिलाष्टकं जाप किया जाता है त्रिदळं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुश्हम.ह . त्रिजन्मपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम.ह ..|1| त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च ह्यच्च्हिद्रैः कोमलैःशुभैः . शिवपूजां करिश्ह्यामि ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह .. |2| अखण्ड बिल्व पत्रेण पूजिते नन्दिकेश्वरे . साळग्राम शिलामेकां विप्राणां जातु चार्पयेत.ह ..|3| शुद्ध्यन्ति सर्वपापेभ्यो ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह .. सोमयञ महापुण्यं ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह ..|4| दन्तिकोटि सहस्राणि वाजपेये शतानि च . कोटिकन्या महादानं ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह ..|5| लश्म्यास्तनुत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम.ह . बिल्ववृशं प्रयच्च्हामि ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह ..|6| मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विश्ह्णुरूपिणे . दर्शनं बिल्ववृशस्य स्पर्शनं पापनाशनम.ह ..|7| अघोरपापसंहारं ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह .. काशीक्शेत्रनिवासं च कालभैरवदर्शनम.ह ..|8| प्रयागमाधवं दृश्ह्ट्वा ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह .. सर्वपाप विनिर्मुक्तः शिवलोकमवाप्नुयात.ह ..|9| अग्रतः शिवरूपाय ह्येकबिल्वं शिवार्पणम.ह .. बिल्वाश्ह्टकमिदं पुण्यं यः पठेत.ह शिवसन्निधौ ..|10|
शिव बिल्वाश्टकम - Shiv BilvAshtakam | पढ़ने से महादेव होंगे प्रसन्न
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